चाँद कभी आधा कभी गोल क्यों ? C
क्या आपने कभी सोचा है की चाँद कभी पूरा गोल तो कभी चाँद आधा क्यों दिखाई देता है ये सूरज की तरह ही हमे हमेसा गोल क्यों नहीं दिखाई देता, कभी आधा तो कभी पूरा क्यों दिखाई देता है तो चलिए जानते है ऐसा कैसे और क्यों होता है
ऊपर दिए गए चित्र को ध्यान से देखिये यहाँ आपको पृथ्वी जहा हम रहते है बीच में दिखाई दे रहा है और चारो तरफ चक्कर लगाते हुए चन्द्रमा और बगल में सूरज दिखाई दे रहा होगा |
जब चन्द्रमा पृथ्वी के चक्कर काटती है तो जब हम पृथ्वी से चन्द्रमा जो देखते है तो जिस तरफ सूर्य का प्रकास चंद्रमा पर पड़ता है उसी हिसाब से चन्द्रमा पूरा और आधा दिखाई देता है
जैसे अगर सूर्य का प्रकाश सीधा चन्द्रमा पर पड़ रहा है तो जब हम पृथ्वी से चंद्रमा को देखेंगे तो हमें चन्द्रमा पूरा काला दिखाई देगा मतलब पूरा ढाका हुआ नजर आता है और अगर दिख भी रहा होगा तो थोड़ा बहुत और ऐसा ही होता है |
कुछ दिन आगे जाते है जब चन्द्रमा पृथ्वी की थोड़ी परिक्रमा पूरा कर चूका होता है तो इस वक्त जब सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा पर पड़ता है तो आधे हिस्से पर ही पद पाटा है यानि तिरछा पड़ता है जिससे होता ये है जब हम पृथ्वी से देखते है तो ऐसा लगता है की चन्द्रमा आधा है जबकि वो पूरा ही होता है
मतलब सूर्य का प्रकाश जितने हिस्से में और जिधर पड़ता है तो उतना ही हिस्सा हमें नजर आता है से जब हम देखते है और ये इस पर भी निर्भर करता है की चन्द्रमा परिक्रमा करते वक्त किधर है पृथ्वी की उस तरफ जिधर सूर्य है या पृथ्वी के दूसरी तरफ |
जब चन्द्रमा पृथ्वी के दूसरी तरफ पहुच जाता है तो सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा तक नहीं पहुच पाता क्युकी पृथ्वी बीच में आ जाती है जिसके वजह इ हमें चन्द्रमा पूरा दिखाई देता है जिसे हम पूर्णिमा भी कहते है
उमीद करता हु ऊपर दिए गए चित्र के माध्यम से आपको समाच आ गया होगा की चन्द्रमा कभी आधा तो कभी पूरा क्यों दिखाई देता है (chand aadha kyon dikhai deta hai ) क्या आप जानते है चन्द्रमा पृथ्वी का पूरा चक्कर लगाने में लगभग 27.3 दिन का समय लेता है |
सबसे जादा पूछे जाने वाले सवाल :
चाँद पृथ्वी का चक्कर कितने दिन में लगता है?
चाँद जिसे हम चन्द्रमा भी कहते है ये पृथ्वी का पूरा चक्कर लगभग 27.3 दिन में पूरा करती है
पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी क्या है?
बात करे पृथ्वी से चन्द्रमा की दुरी की तो ये है लगभग 3,84,403 किलोमीटर (लगभग तीन लाख चौरासी हजार चार सौ तीन ) है |
दिन में चांद क्यों नहीं दिखाई देता ? (Din me Chand kyo nahi dikta )
बात करे चन्द्रमा की दिखने और न दिखने की तो ये सूर्य के प्रकाश पर निर्भर करता है जब पृथ्वी पर दिन होता है तब सूर्य का प्रकाश इतना जादा होता है की हमारी आँखों पर पड़ता है और वही आसपास की चीजे हमें दिखाई देती है जो प्रवर्तित होक हमारे आँखों तक पहोचती है
उदाहरण के लिए : हमारे पास 2 लाइट बल्ब है एक 10 वाल्ट का (चन्द्रमा) और दूसरा 10 वाल्ट (पृथ्वी ) का जब हम हम दोनों को आमने सामने रख कर जलाएंगे तो आपको क्या लगता है 100 वाल्ट के बल्ब के वजह से 10 वाल्ट का बल्ब दिखेगा , नहीं और ऐसा ही चन्द्रमा और सूर्य के ममले में होता है , आपने कई बार तो देखा ही होगा जब धुप कम होती है हल्का फुल्का बादल होता ही आसमान में तो हमें चाँद भी नजर आता है सही कहा न, ये इसी कारण से होता है जो मैंने बताया |
चंद्रमा कैसे चमकता है?
बात करे चन्द्रमा की चमकने की तो , ये खुद से नहीं चमकता ये सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है |
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